कोरोना वायरस के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव के उपाय
चीन का नाम सुनते ही एक ऐसे शक्तिशाली और विकसित देश का चेहरा सामने उभरकर आता है जो तकनीक, उद्योग, शिक्षा, पर्यावरण आदि कई क्षेत्रों में दुनिया में सबसे आगे है। लेकिन इन दिनों चीन किसी और चीज की वजह से दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है और वो है “कोरोना वायरस’। चीन के वुहान शहर में इस वायरस का पहला मामला सामने आया और तब से लेकर अब तक दुनिया के तमाम देशों में इसका कहर जारी है।
चीन के वुहान प्रांत से शुरू हुए इस वायरस संक्रमण से अब पूरी दुनिया दहशत में है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं और इस वायरस के इंफेक्शन से बहुत से लोगों की जान भी जा चुकी है। कोरोना वायरस एक खतरनाक वायरस है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय संक्रमित कर सकता है। संक्रमित व्यक्ति को शुरुआत में बुखार जुकाम जैसे सामान्य लक्षण नजर आते हैं और धीरे धीरे हालत बिगड़ने लगती है। गंभीर स्थिति में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
कोरोना वायरस महामारी की तरह दुनियाभर में फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है और इसे लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। भारत सरकार चीन से भारतीय छात्रों को वापस बुला रही है और चीन से भारत आने वाले विदेशी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए कोई सटीक इलाज नहीं खोजा जा सका है जिससे मरने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल हैं जैसे कि क्या चीन से लौटा हर आदमी इस संक्रमण से पीड़ित है? क्या चीन से आयात होने वाले खिलौनों और रेड्मी और शाओमी जैसे फोन से भी ये वायरस फ़ैल सकता है? क्या इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी ? ऐसे सभी सवालों के जवाब और कोरोना वायरस से जुड़ी पूरी जानकारी हम आपको इस लेख में विस्तार से बता रहे हैं।
आइये जानते हैं :
कोरोना वायरस क्या है? (What is Corona Virus?)
कोरोना वायरस का संबंध वायरसों के एक ऐसे समूह से है जो पक्षियों, जानवरों, स्तनधारियों और इंसानों में घातक बीमारियां उत्पन्न करते हैं। इस वायरस की सतह पर क्राउन जैसे स्पाइक लगे होते हैं जिसके कारण इन्हें ‘कोरोना वायरस’ नाम दिया गया है। अधिकांश कोरोना वायरस सिर्फ जानवरों को ही प्रभावित करते हैं लेकिन उनमें से कुछ ऐसे हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं। इस वायरस से संक्रमित होने के कारण व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और ब्रोंकाइटिस एवं निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है।
क्या है ‘2019 नॉवेल कोरोना वायरस’ (What is 2019-nCoV)
दिसंबर 2019 से चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस को 2019 नॉवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) नाम दिया गया है। यह एक ऐसा वायरस है जो श्वसन संबंधी बीमारियां उत्पन्न करता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस छह प्रकार के होते हैं जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
वुहान में फैला नया कोरोना वायरस इसका सातवां प्रकार है जिसे 2019 नॉवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) नाम दिया गया है। माना जा रहा है कि यह नया वायरस वुहान के बड़े समुद्री मछलियां और जानवरों के मांस बिक्री वाले बाजार (Sea Food and Animal market) से इंसानों में फैला है। इसके साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि अधपका सी फूड या मीट खाने से भी यह वायरस फैलने की संभावना बढ़ सकती है।
कैसे फैलता है कोरोना वायरस? (How the Corona Virus Spread?)
ह्यूमन कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से कोरोना वायरस हवा के माध्यम से दूसरों को संक्रमित करता है।
इसके अलावा वायरस से संक्रमित वस्तु, सतह और बिना हाथ धोए मुंह, नाक और आंखों को छूने से कोरोना वायरस का संक्रमण होता है।
कोराना वायरस से संक्रमित को स्पर्श करने, हाथ मिलाने से यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
कुछ दुर्लभ मामलों में मल के संपर्क में आने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है।
नॉवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) के फैलने के कारण? (What are the Causes for Corona Virus Spread)
नया कोरोना वायरस यानी 2019 नॉवेल कोरोना वायरस वुहान शहर में सीफूड होलसेल मार्केट से फैला है। हालांकि अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पायी है कि किस जानवर से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्री मछली सफेद ह्वेल कोरोना वायरस का वाहक हो सकती है। हालांकि वुहान के सी फूड मार्केट में समुद्री जीवों के अलावा जिंदा जंगली जानवर जैसे सांप, खरगोश, मुर्गियां और चमगादड़ भी बेचे जाते हैं। इनमें से किसी भी जानवर में कोरोना वायरस हो सकता है।
चीन के शोधकर्ताओं का मानना है की नया कोरोना वायरस चीन के हॉर्सशू चमगादड़ में पाये जाने वाले वायरस से मिलता जुलता है। हालांकि अभी भी यह पुष्टि नहीं हो पायी है कि चमगादड़ से ही नया कोरोना वायरस फैल रहा है।
डब्लूएचओ के अनुसार कई वायरस ऐसे होते हैं जिनके संक्रमण का असर तुरंत नजर नहीं आता बल्कि कुछ दिनों बाद पता चलता है। इसे इनक्यूबेशन पीरियड (Incubation Period) कहते हैं अर्थात वह समय जब मरीज वायरस से पीड़ित तो है लेकिन लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
कोरोनावायरस के मामले में भी सबसे खतरनाक बात यह है कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इसका इनक्यूबेशन पीरियड 1 से लेकर 14 दिनों तक का है।
संक्रमित होने के 1 से 14 दिनों के बाद ही इसके हल्के फुल्के सर्दी-जुकाम वाले लक्षण नजर आ रहे हैं और फिर अचानक ये लक्षण गंभीर होने लगते हैं और संक्रमित व्यक्ति की हालत बिगड़ने लगती है।
संक्रमित व्यक्ति के शरीर में ये वायरस अपनी संख्या तेजी से बढ़ाते हैं और अपने मूल रुप को बदल लेते हैं जिसके कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। आइये आगे जानते हैं कि कोरोना वायरस के लक्षणों की पहचान कैसे करें :
कोरोना वायरस इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Corona Virus)
कोरोना वायरस का संक्रमण होने के 2 से 4 दिन बाद सर्दी जुकाम और फ्लू जैसे लक्षण दिखायी देते हैं और आमतौर पर ये लक्षण हल्के होते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सारी जुकाम और फ्लू से मिलते जुलते लक्षण होने के कारण अधिकांश लोगों को यह अंदाज़ा भी नहीं लगता कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और यही इसके तेजी से फैलने का एक मुख्य कारण भी है। इसलिए नीचे बताए गए कोई भी लक्षण आपको नजर आएं तो तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल में जाकर अपनी जांच करवाएं।
हर व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण अलग-अलग नजर आते हैं। इसके लक्षण निम्न हैं:
कुछ कोरोना वायरस बहुत गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं जिसके कारण व्यक्ति को ब्रोंकाइटिस या निमोनिया हो सकती है। हृदय या फेफड़े के रोगों से पीड़ित मरीज, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों, शिशुओं और बूढ़े लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
कितने प्रकार का होता है कोरोना वायरस (Types of Corona Virus)
नए प्रकार के कोरोना वायरस यानी 2019 नॉवेल कोरोना वायरस से पहले कुल छह प्रकार के कोरोना वायरस खोजे गए थे। लेकिन चीन के वुहान में फैले नए कोरोना वायरस के बाद इनकी संख्या सात हो गई है। कोरोना वायरस सात प्रकार का होता है
अल्फा कोरोना वायरस
बीटा कोरोना वायरस
गामा कोरोना वायरस
डेल्टा कोरोना वायरस
सार्स (SARS)
मार्स (MERS)
2019 नॉवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV)
इनमें से अल्फा और बीटा कोरोना वायरस स्तनधारियों जैसे चमगादड़, सूअर, बिल्ली और इंसानों को संक्रमित करता है जबकि गामा कोरोना वायरस पक्षियों और मुर्गियों को संक्रमित करता है। डेल्टा कोरोना वायरस पक्षियों और स्तनधारियों (mammals) दोनों को संक्रमित करता है। सार्स और मार्स भी कोरोना वायरस से ही फैलता है जिसमें से मार्स कोरोना वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।
कोरोना वायरस का इतिहास (History of Corona Virus)
पहली बार कोरोना वायरस का पता 1960 में चला था। इस वायरस के ऊपरी हिस्से पर चारों तरफ शर्करा युक्त प्रोटीन के बने कवर के कारण इसे कोरोना नाम दिया गया था।
सेवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV)
सार्स एक संक्रामक बीमारी है जो सार्स कोरोना वायरस से होती है। इस बीमारी के कारण निमोनिया हो सकती है जो जीवन के लिए घातक होती है। सार्स वायरस नवंबर 2002 में दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में पाया गया था जो हांगकांग पहुंच गया था। बाद में इस वायरस का संक्रमण दुनियाभर के 26 देशों में पहुंच गया जिससे 8000 लोग संक्रमित हुए जिनमें से 800 लोगों की मौत हो गयी। सार्स वायरस श्वसन तंत्र के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों को प्रभावित करता है।
मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV)
मार्स कोरोना वायरस पहली बार वर्ष 2012 में सऊदी अरब में फैला था। इसके बाद यह दुनिया के 27 देशों में पहुंचा जिससे 2500 लोग संक्रमित हुए और इनमें से 860 लोगों की मौत हो गई। बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ और डायरिया मार्स के मुख्य लक्षण हैं। शोधकर्ताओं ने यह पुष्टि की थी की मार्स कोरोना वायरस के वाहक जानवर हैं। कोरोना वायरस से होने वाली बीमारियों में मार्स सबसे ज्यादा घातक है।
कोरोना वायरस की जांच (Medical Check-ups for Corona Virus)
चीन के वुहान शहर को वहां की सरकार ने पूरी तरह लॉक कर दिया है और किसी को भी शहर से बाहर जाने पर पाबन्दी लगा दी है। इस समय वुहान शहर में मौजूद लोगों की तेजी से जांच की जा रही है जिससे संक्रमित लोगों की पहचान की जा सके।
कोरोना वायरस के संक्रमण कीई जांच के दौरान मरीज से इंफेक्शन से जुड़े लक्षणों के बारे में पूछा जाता है। इसके साथ ही मरीज के खून, थूक, नाक और गले के बलगम एवं श्वसन से जुड़े अन्य नमूने भेजे जाते हैं और उनके आधार पर जांच की जाती है।
थर्मल स्कैनर से कोरोना वायरस की जांच
इस समय भारत के 21 एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच थर्मल स्कैनर द्वारा की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि एयरपोर्ट पर दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि एक एक यात्री की थर्मामीटर से जांच करने में बहुत वक्त लग जाएगा साथ ही यात्रियों को भी काफी असुविधा होगी। इससे बचने के लिए थर्मल स्कैनर से लोगों के बड़े समूह को स्कैन किया जा रहा है और उनमें से जिन लोगों के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ है उन्हें अलग जगह ले जाकर विस्तार से जांच की जा रही है।
कोरोना वायरस से बचने के उपाय (Preventions for Novel Corona Virus)
अभी तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए किसी वैक्सीन की खोज नहीं की जा सकी है इसलिए वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बचाव बेहद जरुरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है कि इस वायरस से बचाव के लिए क्या तरीके अपनाएं और क्या सावधानियां बरतें। आइये उनके बारे में जानते हैं :
दिन में कई बार गुनगुने पानी और साबुन से अपने हाथों को 20 सेकेंड तक साफ करें।
हाथों को साफ किए बिना चेहरा,नाक और मुंह को न छूएं।
बीमारी लोगों के नजदीक न बैठें।
जिन वस्तुओं को आप अक्सर छूते हैं उन्हें साफ रखें।
छींकते या खांसते समय मुंह पर रुमाल रखें।
बीमार होने पर घर पर ही ठहरें।
पर्याप्त आराम करें और भारी काम करने से बचें।
पर्याप्त पानी पीएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।
धूम्रपान न करें और धुएं वाले क्षेत्रों में रहने से बचें।
किसी दूसरे व्यक्ति का टॉवेल, बिस्तर या चादर यूज न करें।
बाजार में बिकने वाली खुली चीजें खाने से परहेज करें।
अधपका मांस या अंडा न खाएं।
जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
अकेले कमरे में रहें और किसी के साथ बिस्तर साझा न करें।
किसी भी संक्रमित सतह जैसे दरवाजे की कुंडी, बालकनी की रेलिंग, मोबाइल फोन आदि छूने के बाद अपने हाथों को साबुन से साफ करें।
संक्रमित हाथों से शरीर के संवेदनशील अंगों को स्पर्श न करें।
कोरोना वायरस इंफेक्शन का इलाज (Treatment of Novel Corona Virus)
2019 नॉवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) के संक्रमण का कोई विशेष इलाज नहीं है और ना ही इस वायरस से बचने के लिए किसी वैक्सीन या दवा की खोज की गयी है। हालांकि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की पर्याप्त देखभाल करके उसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।
कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों को एड्स के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं लोपिनावीर और रिटोनावीर (Lopinavir and Ritonavir) दी जाती हैं। भारत में भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को लोपिनाविर और रिटोनाविर (Lopinavir and Ritonavir) के कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति में जुकाम, बुखार और दर्द को कम करने के लिए ओवर द काउंटर दवाएं दी जाती है।
कोरोना वायरस से पीड़ित बच्चों को एस्पिरिन नहीं देना चाहिए और चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ की दवा नहीं देना चाहिए।
संक्रमण के कारण गले में खराश और खांसी को ठीक करने के लिए रुम ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए या हॉट शॉवर लेना चाहिए।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में लिक्विड या फ्लूइड लेना चाहिए।
चीन से भारत लौटे लोग कैसे रखें अपना ख्याल (Precautions for China returned people)
अगर आप पिछले 3–4 हफ़्तों में चीन की यात्रा करके लौटे हैं और अब आपको बुखार, सर्दी खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें हो रही हैं तो तुरंत मेडिकल चेकअप के लिए नजदीकी अस्पताल जाएं। डॉक्टर को अपनी ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में विस्तार से बताएं।
चीन से लौटने के बाद अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो यात्रा ना करें ना ही परिवार के दूसरे लोगों के नजदीकी संपर्क में आएं। अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें और एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से अपने हाथ धोएं।
कई लोगों के मन में यह आशंका और डर है कि क्या चीन से भारत आने वाले खिलौने, मोबाइल फोन या अन्य उद्योगों में इस्तेमाल अहोने वाले उपकरणों को छूने से भी कोरोना वायरस फ़ैल सकता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें चीनी सामान से कोरोना वायरस के फैलने की पुष्टि की गई हो।
हालांकि इसे पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता है क्योंकि साल 2003 में फैले सार्स (SARS) के मामले में यह पाया गया था कि अगर संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस किसी चीज तक पहुचता है और फिर आप उस चीज को छू लेते हैं तो वो वायरस आपको भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए अभी इस विषय पर आधिकारिक पुष्टि आने के बाद ही हम आपको कुछ कन्फर्म बता पाएंगें।
चीन में फैले कोरोना वायरस के कारण न सिर्फ लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है बल्कि चीन की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से लोग रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, होटल और दुकानों पर नहीं जा रहे हैं। साथ ही चीन में कारोबार संबंधी यात्राओं पर रोक लगने से बिजनेस इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंच रहा है। कई देशों में लोग चीन के बने सामान खरीदने से बच रहे हैं।
कई एयरलाइन्स ने चीन जाने वाली अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं तो कई बड़ी कंपनियों ने चीन में अपना बिजनेस रोक दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं चीन में पर्यटकों की संख्या में भी कमी आ गयी है जिससे चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
कितने देशों में फैल चुका है कोरोना वायरस (Countries affected by Corona Virus)
चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर के कई देशों में फैल चुका है। अब तक चीन के कुल 31 प्रांत और मकाऊ, भारत,जापान, थाईलैंड, सिंगापुर, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, अमेरिका, ताइवान, मलेशिया, फ्रांस और कनाडा सहित दुनिया के 25 देशों में कोरोना वायरस फैल चुका है।
भारत में कोरोना वायरस का प्रभाव (Effect of Corona Virus in India)
चीन से भारत लौटने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। संदेह होने पर कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि के लिए व्यक्ति का सैंपल लैब में भेजने की व्यवस्था की गयी है। भारत में अभी तक कोरोना वायरस इंफेक्शन के 3 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं और ये तीनों ही मामले केरल के हैं। ये तीनों छात्र चीन के वुहान में पढ़ाई कर रहे थे।
कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1000 से ऊपर पहुंच चुकी है। वहीं कोरोना वायरस के 40 हजार से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं।
11 फ़रवरी 2020 को जिनीवा में दुनिया भर के टॉप डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक बैठक ‘रीसर्च एंड इनोवेशन फ़ोरम’ शुरू हुई है जिसमें इस महामारी को फैलने से रोकने के रास्तों पर विचार विमर्श हुआ। अब इस बीमारी को आधिकारिक नाम COVID-19 (कोविड-19) दिया गया है और इसके लिए वैक्सीन अगले 18 महीनों में तैयार होने की संभावना जताई गई है।
भारत में कल दिनांक 3 मार्च 2020 को ककोरोना के 3 नए मामले सामने आए. जिसमें से पहला तेलंगाना, दूसरा दिल्ली और तीसरा मामला जयपुर का बताया जा रहा है. दिल्ली में कोरोना वायरस का मामला सामने आने पर एहतियात के तौर पर नॉएडा के दो स्कूल को बंद कर दिया गया है.
आज 4 मार्च 2020 को इटली से आये 15 पर्यटकों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और इस तरह भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 20 पार कर चुकी है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लोगों को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है हम पूरी तरह से इससे मुकाबले के लिए तैयार हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव को लेकर एडवाईजरी जारी की है और लोगों को सर्दी-जुकाम, फ्लू आदि रोगों से पीड़ित लोगों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है. इसके अलावा दिन में कई बार हाथों को सैनेटाइजर से धुलें और छींकते समय टिश्यू पेपर का प्रयोग करें.
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